बड़ी बोझिल इन्तजार की
वो चाँद रात थी ,
जब तन्हाइयों में गुम -
पूरी कायनात थी !!
सपने सुहाने आज भी -
इस दिल को छल गये ,
लिपटे थे जो सीने से -
वो पल छू निकल गये ,
नहीं हुई मुमकिन आज भी -
एक मुलाकात थी
मेरे प्यार में तुम थे -
मेरी मनुहार में तुम थे
ग़ुरबत में थे तुम्हीं -- -
हर तकरार में तुम थे-
हुई शरू तुम्हीं से-
खत्म तुम पर हर बात थी !!