यह ब्लॉग खोजें

मंगलवार, 10 सितंबर 2019

इंतजार


बड़ी बोझिल इन्तजार की  
 वो  चाँद रात थी ,
 जब   तन्हाइयों में गुम   -
 पूरी   कायनात थी  !!

सपने सुहाने आज भी -
इस दिल को  छल  गये ,
लिपटे थे जो सीने से  - 
 वो   पल छू निकल गये ,
नहीं हुई मुमकिन आज भी -
  एक  मुलाकात थी

 मेरे प्यार में तुम थे -
मेरी मनुहार में तुम थे
  ग़ुरबत में  थे तुम्हीं  -- -
 हर   तकरार में तुम थे-
हुई शरू तुम्हीं  से-
खत्म तुम पर हर बात थी !!