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शनिवार, 18 जनवरी 2020

ना रहे पहले से दिलबर

बदले  जिंदगी के मंजर 
क्या करें? 
ना रहे पहले से दिलबर 
क्या करें?

साथ बैठ कर सजाया था जिन्हें। 
ढह गए -थे रेत के घर क्या करें? 

ना जानें किसने लुभाया है उन्हें
उलझी कहाँ उनकी नज़र क्या  करें ?

आज कह कोसते नींद उड़ा दी मेरी
कभी जागे  थे  संग  रात भर क्या करें ?