अपने आँसू छुपा लिए हैं
तुमने किसी बहाने से .
पर बरसातें कब रुकती हैं
सावन के आ जाने से ?
एक दिन जो रोने की खातिर.
मजबूत सा कान्धा मिल जाएगा ;
आँसू का ये बांध उसी पल
बंध तोड़कर बह जाएगा !!
दर्द जिगर का सुनने वाले
इस दुनिया में लोग कहाँ ?
पर,कोई मसीहा बन मिल जाता
हो जाते हैं संयोग यहाँ ;
जाने कौन कहाँ से आकर
दर्द का मरहम बन जाएगा !!
शायद आकर कोई किसी दिन
पढ़ले व्यथा अंतर्मन की ,
और बाँध जाये पल में
गाँठ जन्मों के बंधन की ;
जो भर देगा खुशियों से दामन
प्यार का तोहफा दे जाएगा !!
तुमने किसी बहाने से .
पर बरसातें कब रुकती हैं
सावन के आ जाने से ?
एक दिन जो रोने की खातिर.
मजबूत सा कान्धा मिल जाएगा ;
आँसू का ये बांध उसी पल
बंध तोड़कर बह जाएगा !!
दर्द जिगर का सुनने वाले
इस दुनिया में लोग कहाँ ?
पर,कोई मसीहा बन मिल जाता
हो जाते हैं संयोग यहाँ ;
जाने कौन कहाँ से आकर
दर्द का मरहम बन जाएगा !!
शायद आकर कोई किसी दिन
पढ़ले व्यथा अंतर्मन की ,
और बाँध जाये पल में
गाँठ जन्मों के बंधन की ;
जो भर देगा खुशियों से दामन
प्यार का तोहफा दे जाएगा !!