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रविवार, 24 मई 2020

रचूंगी गीत मैं

चूंगी   गीत  तुम्हारे  नाम,
अविराम! निशब्द!निष्काम!! 

भ्रम में  रहूँगी, 
खुद को  छलूँगी
विरहअगन  में 
हर  पल जलूँगी:
होगी  उम्र  तमाम!
अविराम! निशब्द!निष्काम!!

रखूंगी कभी ना
मिलन की  आशा, 
निहारूँगी   मन में ही 
बस  ज़रा -सा ,
छवि  तुम्हारी  अभिराम
अविराम! निशब्द!निष्काम!! 

भटकूँगी  दर्द  के
 अनंत  वन  में , 
करूँगी  नम ना आँखे
 हिय  की इस चुभन में ,
सुबह हो  या  शाम!
अविराम! निशब्द!निष्काम!!
रचूंगी   गीत  तुम्हारे  नाम!!