रचूंगी गीत तुम्हारे नाम,
अविराम! निशब्द!निष्काम!!
भ्रम में रहूँगी,
खुद को छलूँगी
विरहअगन में
हर पल जलूँगी:
होगी उम्र तमाम!
अविराम! निशब्द!निष्काम!!
रखूंगी कभी ना
अविराम! निशब्द!निष्काम!!
रखूंगी कभी ना
मिलन की आशा,
निहारूँगी मन में ही
बस ज़रा -सा ,
छवि तुम्हारी अभिराम
अविराम! निशब्द!निष्काम!!
अविराम! निशब्द!निष्काम!!
भटकूँगी दर्द के
अनंत वन में ,
करूँगी नम ना आँखे
हिय की इस चुभन में ,
सुबह हो या शाम!
अविराम! निशब्द!निष्काम!!
रचूंगी गीत तुम्हारे नाम!!
सुबह हो या शाम!
अविराम! निशब्द!निष्काम!!
रचूंगी गीत तुम्हारे नाम!!