नवज़ात शिशु के लिए
दिव्य आनन्द सृष्टि का ये ,
नन्हें हाथ-पैरों की मधुर सरगम .
भरता स्पंदन जड़ जीवन में
ममता का ये सृजन अनुपम !
संस्कार लता की नवल- कोंपल
नवसेतु आत्मीयता के तुम ,
मन को पुलकित कर जाए
तुम्हारा अबोध हास -रोदन !
आशीष वसन में तुम्हें लपेटूं
रखूँ दूर बलाओं से ,
गर्म हवा भी ना छू पाए
आ ढक लूँ तुम्हें दुआओं से !!