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शनिवार, 12 सितंबर 2020

नवज़ात शिशु के लिए

 दिव्य आनन्द      सृष्टि  का ये ,  
 नन्हें  हाथ-पैरों  की   मधुर सरगम .
भरता स्पंदन  जड़ जीवन में
 ममता का ये सृजन  अनुपम !

संस्कार लता   की नवल- कोंपल  
 नवसेतु    आत्मीयता के  तुम  , 
 मन को पुलकित कर जाए   
तुम्हारा  अबोध हास -रोदन !  

आशीष वसन में  तुम्हें  लपेटूं 
रखूँ  दूर  बलाओं  से  , 
गर्म हवा  भी   ना छू  पाए   
आ ढक   लूँ  तुम्हें  दुआओं से !!